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Friday, December 30, 2011

लोकतांत्रिक शक्तियां एकजुट हों - इप्टा


भिलाई घोषणा पत्र, नई कार्यकारिणी का गठन और विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ इप्टा का 13वां राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न

तीन दिवसीय आयोजन के आखिरी दिन बुधवार की सुबह विभिन्न इकाइयों ने ट्विन सिटी के अलग-अलग हिस्सों में नुक्कड़ नाटक किया और जन गीत पेश किए। जम्मू कश्मीर इप्टा ने नेहरू नगर पार्क भिलाई और सफदर हाशमी चौक दुर्ग में ‘जागो बंधु जागो रे भइया’, पंजाब इप्टा ने नेहरू हाउस और आजाद चौक रामनगर में ‘खड्डा’, बोरिया गेट के पास आगरा इप्टा ने अपना नाटक ‘हक के लिए’, बिहार इप्टा ने नेहरू हाउस के शरीफ अहमद मुक्ताकाशी मंच में ‘ए स्टूपिड किंग इन द सिटी’, झारखंड इप्टा ने सेक्टर-7 मार्केट में सफदर हाशमी लिखित ‘राजा का बाजा’ खेला। आजमगढ़ इप्टा ने आकाशगंगा सुपेला और चौहान काम्पलेक्स में लोकनृत्य प्रस्तुत किया। महाराष्ट्र इप्टा ने जूते को आधार बना व्यंग्यपूर्ण नाटक खेला। नेहरू हाउस में असम के कलाकार शिरोमोनी डोले ने अपने मुंह में चम्मच लेकर रेत से एक कागज पर चित्र बनाया। शाम 7 बजे से कला मंदिर सिविक सेंटर में छत्तीसगढ़ इप्टा द्वारा लोकगीत असम इप्टा द्वारा झूमर नृत्य, बिहू एवं सत्रीय नृत्य प्रस्तुत किया गया। आजमगढ़ इप्टा द्वारा लोकनृत्य, पंजाब इप्टा द्वारा मालवयी गिद्दा, जम्मू-कश्मीर इप्टा द्वारा डोगरी नृत्य एवं कश्मीरी नृत्य और राजस्थान इप्टा द्वारा कालबेलिया नृत्य प्रस्तुत किया गया। नेहरू हाउस में बिहार इप्टा ने ‘वैदिकी हिंसा हिंसा न भवति’ नाटक प्रस्तुत की प्रस्तुति दी। क्लैरिनेट पर माधव ने ‘ए मेरे वतन के लोगों’ और रंभा ने ‘नफस-नफस कदम-कदम’ पेश किया। पश्चिम बंगाल के कलाकारों ने बाउल गीती और असम के कलाकारों ने जन गीत प्रस्तुत किए।

हंगल को फिर से इप्टा की कमान

94 साल के अभिनेता अवतार कृष्ण हंगल को भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) ने दूसरी बार तीन साल के लिए अध्यक्ष चुन लिया है। भिलाई में बुधवार की शाम हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में देश भर के प्रतिनिधियों के बीच से नए पदाधिकारी चुन लिए गए। छत्तीसगढ़ से दो प्रतिनिधियों को ओहदा दिया गया है। आज ही भिलाई घोषणा पत्र जारी कर दिया गया। नेहरू सांस्कृतिक सदन सेक्टर-1 में 13 वें राष्ट्रीय सम्मेलन व सांस्कृतिक महोत्सव के अंतिम दिन नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी का चुनाव हुआ। जिसमें अध्यक्ष श्री हंगल के अलावा, कार्यकारी अध्यक्ष रणवीर सिंह, महासचिव जितेंद्र रघुवंशी, उपाध्यक्ष-एमएस सथ्यू, शमिक बंदोपाध्याय, पी. गोपाल कृष्णन, जावेद सिद्दीकी, डॉ. एम. नरसिंह, अंजन श्रीवास्तव, के. प्रताप रेड्डी, सीताराम सिंह, सचिव राकेश, हिमांशु राय, तनवीर अख्तर, अमिताभ चक्रबर्ती, पी. संबा शिव राव, सह-सचिव डॉ. ऊषा आठवले, राजेश श्रीवास्तव (दोनों छत्तीसगढ़ से), फिरोज अशरफ खान, मनीष श्रीवास्तव, प्रमोद भुइयां व कोषाध्यक्ष ओम ठाकुर चुने गए। महासचिव जितेंद्र रघुवंशी की रिपोर्ट पर चर्चा के बाद उपाध्यक्ष शमिक बंदोपाध्याय ने भिलाई घोषणा पत्र जारी किया गया, जिसमें धर्मनिरपेक्षता और लोकतांत्रिक मूल्य के लिए काम कर रही शक्तियों को एकजुट करने का आह्वान किया गया।

‘मदर’ को जी रहे हैं 33 साल से
मैक्सिम गोर्की लिखित क्लासिक उपन्यास ‘मदर’ को मंच व नुक्कड़ व मंचीय नाटकों में पिछले 33 साल से जीवंत कर रहे हैं गौतम मुखर्जी ने। इतने लंबे अरसे से एक महिला पात्र को निभा रहे गौतम का कहना है कि इसे स्त्री या पुरुष पात्र के नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए बल्कि ‘मदर’ यानि मां तो इस सृष्टि का आधार है। श्री मुखर्जी का दावा है कि वह पूरी दुनिया में एकमात्र कलाकार हैं जिन्होंने अभिनय के हर माध्यम में ‘मदर’ को जिया है। पिछले साल ‘मदर’ पर बांग्ला फिल्म भी बन चुकी है,जिसमें भी मुख्य भूमिका उन्हीं की है। मूलतरू उत्तर 24 परगना जिले के रहने वाले और इप्टा के एक अंग के तौर पर ‘शौभिक सांस्कृतिक चक्र’ संगठन चला रहे गौतम मुखर्जी ने बताया कि दो साल बाद उन्हें इप्टा से जुड़े पूरे 50 साल हो जाएंगे।

चौलेंजिंग तो है मणिपुर में थियेटर करना - पी. खगेंद्र सिंह
नार्थ इस्ट के संवेदनशील राज्य मणिपुर के हालात इस कदर बिगड़े हुए हैं कि सामाजिक-आर्थिक नाकेबंदी की वजह से आम लोगों का आना-जाना बंद है। मणिपुर इप्टा की ओर से एकमात्र प्रतिनिधि प्रांतीय महासचिव पी. खगेंद्र सिंह हवाई सफर की वजह से रायपुर होते हुए भिलाई पहुंच पाए हैं। खगेंद्र का कहना है कि नाकेबंदी तो आज की बात है, मणिपुर इसके पहले से ही विपरीत आंतरिक हालात झेल रहा है। ऐसे में वहां थियेटर हो चाहे कोई भी दूसरी सामान्य गतिविधियां, सब कुछ वहां चौलेंजिंग है। मणिपुर चूंकि सांस्कृतिक तौर पर एक समृद्ध राज्य है इसलिए वहां थियेटर को लेकर बेहद जागरूकता है। खगेंद्र के मुताबिक फिलहाल वहां विधानसभा चुनाव घोषित होने की वजह से ज्यादातर लोग चुनाव में व्यस्त हैं। इसलिए फिलहाल स्थिति थोड़ी सामान्य है। हालांकि अभी भी वहां पेट्रोल 200 रुपए लीटर मिल रहा है।

भूपेन-मामोनी के जाने से सूना हो गया हमारा असम - मीनाक्षी डेका
असम इप्टा से आई मीनाक्षी डेका जीवटता की अद्भुत मिसाल है। शादी को साल नहीं बीता था कि हादसे में पति चल बसे। फिर कोख में पल रहे बच्चे को परवान चढ़ाने और अपना जीवन संघर्ष जारी रखने में मीनाक्षी ने कोई कसर नहीं छोड़ी। आज वह असम दूरदर्शन-आकाशवाणी की स्थापित कलाकार है। संगीत उनकी रग-रग में इस कदर बसा है कि वो बातें भी संगीत की बंदिशों की तरह करती है। भिलाई आते वक्त ट्रेन में कुछ असामाजिक तत्वों से झड़प हुई तो मीनाक्षी ने उन्हें बाउल गीत सुना दिया। बस फिर क्या था झड़प खत्म। बुधवार को मीनाक्षी यह सब बताते हुए गा भी रही थी और मुस्कुरा भी रही थी। भूपेन हजारिका और मामोनी राइसोम (इंदिरा) गोस्वामी के बेहद करीब रही मीनाक्षी के पास इन लोगों से जुड़े ढेर सारे संस्मरण और गीत हैं। ये सब बताते हुए वह कुछ उदास होकर कहती हैं इस साल ने हम लोगों को सूना कर दिया। दोनों के जाने का सदमा मैं भूलना चाहती हूं इसलिए यहां भिलाई तुरंत चली आई।

(दैनिक भास्कर, भिलाई से साभार)

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