
शुक्रवार को अभिमंच में प्राचीन ग्रीक नाटककार सोफोक्लीज के नाटक ‘एंटीगनी’ की प्रस्तुति की गई। इडीपस की बेटी एंटीगनी के जन्म  में भी एक त्रासदी निहित थी और मृत्यु में भी। लेकिन उसके किरदार में निहित प्रतिरोध ने उसे विश्व रंगमंच का एक महत्वपूर्ण पात्रा बनाया। उसके दोनों भाई सत्ता के लिए हुए युद्ध में मारे गए। लेकिन मौजूदा राजा क्रेयान ने दोनों में से एक भाई पॉलिमिस को दुश्मन घोषित कर उसे दुनाने पर रोक लगा दी है। एंटीगनी को मंजूर नहीं कि उसके भाई को गिद्ध नोच-नोच कर खाएं। राजा क्रेयान के हुक्म के खिलाफ अपने भाई के शव का दफनाने वालली एंटीगनी के  चेहरे पर यहां-वहां बेतरतीबी से रंग पुता हुआ है। तुर्की के स्टेट थिएटर की इस प्र्रस्तुति में क्रेयानए जो एंटीगनी का मामा भी है और होने वाला ससुर भी-एक तानाशाह की तरह दिखाई देता है। उसके बाल आधुनिक ढंक से कढ़े हुए है। उसे अपने फैसलों पर कोई संदेह नहीं है। निर्देशक केनान आइजिक इस तरह व्यक्ति और सत्ता के द्वंद्व को एक ऊंचाई पर ले जाते हैं। 
एंटीगनी की गुस्ताखी के लिए क्रेयान ने उसे धरती के भीतर एक कंदरा में बंद करवा दिया है। वह अंधे जयोतिषी टेयरिसियस की भी एक नहीं सुनता और एंटीगनी को छोड़ देने ओर उसके भाई को दफनाने की उसकी सलाह के लिए  उस राज्य का विश्वासघाती मान लेता है। उसके इस फैसले और अड़ियलपन से आहत उसका बेटा फिर कभी न लौट कर आने के लिए उसे छोड़ कर चला जाता है और एंटीगनी के फांसी लगा लेने के बाद अंततः खुद को ही खंजर भौंक कर मार लेता है। बेटे की मौत से आहत मां भी यही रास्ता चुनती है। और आखिर में रह गया है अपने प्रायश्चित को भोगने के लिए अकेला क्रेयान।
नाटक का व्यक्तिगत त्रासदी का क्लासिकल पाठ यहाँ सत्ता की निरंकुशता के पाठ में बदला हुआ है। इसीलिए क्रेयान मंच पर सबसे ज्यादा दिखता है। यह एक शब्दबहुल नाटक है। लगातार संवादों और एक स्थिर दृश्य संरचना में आगे बढ़ता हुआ। विंग्स को हटा कर मंच के पूरे स्पेस में यह दृश्य बनाया गया है। पीछे की ओर सक प्लेटफॉर्म है, जिस पर नाटक का कोरस उपस्थित है। यह एक भव्य दृश्य है, जिसमें वेषभूषा सबसे ज्यादा दिखती है। इस वेशभूषा में प्राचीन ग्रीम नाटकों की शास्त्राीयता के साथ समकालीनता का भी पुट है। क्रेयान के बैठने की बीच चेयर भी आज के जमाने की है। ग्रीक ट्रैजेडी का यह समकालीन पाठ है। क्रेयान एक मौके पर बिल्कुल ‘द ग्रेट डिक्टेटर’ के तानाशाह की तरह भाषण देता है। इस बीच आतिशबाजी की डिजिटल छवियां भी मंच को घेरे हुए हैं। इस तरह बिल्कुल शुरूआत के दृश्य में टेयरसियस एक बच्चें के साथ लंबे समय तक बिल्कुल निश्चल मूर्तिवत खड़ा है। चेहरे पर रंग पोते उसकी निश्चलता एक लाजवाब छवि है। बाद के दृश्य में वह एक गिद्ध लिए है। पूरी प्रस्तुति इसी तरह की कुछ युक्तियों से एकरसता को तोड़ती है। फिर भी उसका बाहरी पाठ भीतरी पाठ से बीच-बीच में कुछ छिटकता मालूम देता है।
- संगम पांडेय
22 जनवरी 2012, जनसत्ता 
Saturday, January 28, 2012
अभिमंच में एंटीगनी
Posted by Rangvarta Team
on 12:58 AM
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