‘साडा अड्डा’ पर विवाद -
फिल्म ‘साडा अड्डा’ के खिलाफ नगर के नाटककार राजेश कुमार ने अदालत का दरवाजा खटखटाने का मन बना लिया है। फिल्म शुक्रवार को प्रदर्शित हो रही है। राजेश कुमार का आरोप है कि यह फिल्म उनके नाटक ‘सपने हर किसी को नहीं आते’ पर आधारित है, जिसका मंचन ‘डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डॉट लड़की डॉटकॉम’ शीर्षक से शाहजहांपुर में किया गया था। कुमार का कहना है कि फिल्म के लिए उनसे कोई अनुबंध नहीं किया गया है।
‘अमर उजाला’ ने तीन नवंबर के अंक में राजेश कुमार के हवाले से यह मामला उठाया था। राजेश कुमार ने बताया कि ‘अमर उजाला’ द्वारा मुद्दा उठाए जाने के बाद फिल्म के निर्देशक मोअज्जम बेग ने उनसे संपर्क किया और ई-मेल भी भेजा। उनसे कहा कि हम आपके नाटक को श्रेय देने के लिए तैयार हैं, लेकिन आप हमें लिखित रूप में यह दें कि मैं इसके लिए कोई धनराशि नहीं लूंगा। इस पर कुमार ने कहा कि वे ऐसा कुछ भी लिखकर देने वाले नहीं हैं।
राजेश कुमार ने गुरुवार को बताया कि बेग अब साक्षात्कारों में गलत बयानी कर रहे हैं कि यह नाटक उनका लिखा है। कुमार ने कहा कि बेग मेरी नाट्य संस्था अभिव्यक्ति में बतौर अभिनेता जुड़े थे और इस नाटक का प्रथम निर्देशन उन्होंने किया था। कुमार ने कहा कि नाटक किसका लिखा है, इसकी गवाही नाटक में काम करने वाले सलीम आजाद सहित दूसरे कलाकार दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि संभव है कि फिल्म में नाटक की कहानी को बदला गया हो, लेकिन इसका केन्द्रीय विचार मेरा है और इसका श्रेय मुझे मिलना चाहिए। इसके लिए मुझसे अनुबंध किया जाना चाहिए था। कुमार ने कहा कि बेग अपनी एक पटकथा के मामले में फिल्म ‘रॉकस्टार’ के निर्देशक इम्तियाज अली से लड़ाई लड़ चुके हैं, लेकिन अपनी फिल्म में उन्होंने वही गलती दोहराई है।‘गंाधी और अंबेडकर’ तथा बुश पर जूता फेंकने वाले पत्रकार पर ‘द लास्ट सैल्यूट’ जैसे चर्चित नाटक लिखने वाले राजेश कुमार ने कहा कि अब मेरे सामने अदालत का दरवाजा खटखटाने के सिवाय दूसरा चारा नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं शुक्रवार को फिल्म देखूंगा। अगर श्रेय नहीं दिया गया है तो मैं इसके खिलाफ न्यायालय में वाद दायर करूंगा। अगर श्रेय दिया गया होगा तो भी मेरी आपत्ति अनुबंध न करने को लेकर होगी।
Friday, January 13, 2012
अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे नाटककार राजेश कुमार
Posted by Rangvarta Team
on 9:43 AM
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