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Friday, January 6, 2012

14वें भारंगम की शुरुआत कल मणिपुर के रंग बयान से


रानावि द्वारा आयोजित इस बार के भारतीय रंग महोत्सव में मणिपुर के पांच नये-पुराने निर्देशकों के नाटकों को देखने का अवसर मिलेगा. 14वें रंग महोत्सव की शुरुआत भी 8 जनवरी को भारत के दिग्गज मणिपुरी निर्देशक रतन थियम की प्रस्तुति ‘द किंग ऑफ डार्क चैम्बर - राजा’ से होगी. 15 दिनों तक चलने वाले इस रंग महोत्सव में देसी-विदेशी कुल 26 भाषाओं के 96 नाटकों का मंचन किया जाएगा. इसमें 16 विदेशी नाटक भी शामिल हैं. कुल नाटकों में से 17 नाटक रविंद्रनाथ टैगोर की जबकि 6 नाटक शेक्सपियर की कृतियों पर आधारित होंगे. पोलैंड को इस वर्ष महोत्सव में फोकस कंट्री के तौर पर शामिल किया गया है. पिछले वर्ष दक्षिण अफ्रीका बतौर फोकस कंट्री शामिल हुआ था. विदेशी नाटकों के वर्ग में पहली बार टर्की अपनी रंगमंचीय प्रस्तुति करेगा. इसी तरह, देशी भाषाओं में पहली बार संथाली और तुलु भाषा के नाटकों को देखने का अवसर दर्शकों को मिल सकेगा.

मणिपुर के जो पांच नाटक समारोह में होनेवाले हैं, वे हैं - रतन थियम का ‘द किंग ऑफ डार्क चैम्बर - राजा’ उद्घाटन समारोह में कल 8 जनवरी को, लोइतोंग्बम परिंगंबा लिखित एवं निर्देशित ‘मिराज’ 10 जनवरी को, गोशे मिताइ के आदिवासी नाट्य ‘लोइका लोइकुम’ का मंचन 13 जनवरी, को हेसनेम तोंबा का ‘हंगरी स्टोन’ 14 जनवरी को और निंग्थोजा दीपक का ‘सरेंडर’ 17 जनवरी को.

इन नाटकों और नृत्य नाटिकाओं में फोक, ट्रेडिशनल, मॉर्डन, इंप्रोवाइजेशन जैसी कई स्टाइल देखने को मिलेंगी. हेनरिक इबसन और शेक्सपियर जैसे नाटककारों के नाटक आपको कंटेपरेरी या इंडियन स्टाइल में देखने को मिलेंगे, तो छोटी कहानियां, उपन्यासों, ऐतिहासिक, किस्से-कहानियों पर डायरेक्टर्स की खास पकड़ भी दिखेगी.

राजनीतिक व्यथाओं से प्रभावित 14 दूसरे देशों के नाटकों को भी दिखने का चांस यहां होगा. इसमें यूके से शिमेल्पनीज का ‘द गोल्डन ड्रैगन’, इटली से ज्यूले वर्ने का ‘ट्वेंटी थाउजेंड लीग्स अंडर द सी’, तुर्की से यूरीपाइड्स का ‘ऐंटीगॉन’, इजराइल से ‘स्टार्टिंग ओवर’ शामिल हैं। पाकिस्तान से दो प्रोडक्शन भी आपको भाएंगे - अनवर जाफरी का ‘इंशा का इंतजार’ और मदीहा गौहर का ‘मेरा रंग दे बसंती चोला’. सेक्स वर्कर्स, फिजिकली चैलेंज्ड और बौने कलाकार भी कई गंभीर मुद्दों के साथ मंच पर उतरेंगे.

फेस्ट में पोलिश थिएटर को खास जगह दी गई है. इनमें आलोचनात्मक थिएटर ‘इन द नेम ऑफ जैकब एस’ और ‘ग्रोतोवस्की - एन अटेंप्ट टु रिट्रीट’ शामिल है. वहीं, महिला के अनुभव को दिखाता ‘कोरस ऑफ वुमेन’ फेस्ट की खास पेशकश मानी जा रही है. एक शानदार एग्जिबिशन भी आपकी पोलिश थिएटर से मुलाकात कराएगी.

रानावि की डायरेक्टर डॉ अनुराधा कपूर ने बताया कि इस साल कुल 400 नाटकों में 96 नाटकों को भारंगम के लिए चुना गया है. जिनमें कई सामाजिक मुद्दों पर केंद्रित नाटक हैं, जो संथाली, तुलू, मिजो जैसी दूर दराज के क्षेत्रों से चुने गए हैं. यहां सीमा बिस्वास, साई परांजपे, सौरभ शुक्ला सहित कई जाने-माने रंगकर्मी दर्शकों के बीच अभिनय करते दिखेंगे. इस साल रानावि के साझा शहर के रूप में अमृतसर को शामिल किया गया है, जिसमें 11 भारतीय और 7 अंतरराष्ट्रीय नाटकों का मंचन होगा.

एजेंसी और रंगवार्ता डेस्क

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