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Saturday, June 30, 2012

पेइचिंग ओपेरा के विकास की विरासत व सृजन


पेइचिंग ओपेरा का 200 साल पुराना इतिहास है। उसे पूर्व का ओपेरा नाम से भी जाना जाता है। उसका उद्गम शायद कुछ प्राचीन स्थानीय ओपेरा से हुआ है। वर्ष 1790 में हुए पान नाम का एक स्थानीय ओपेरा पेइचिंग में प्रचलित होने लगा, क्योंकि पेइचिंग में विभिन्न प्रकार के स्थानीय ओपेरा काफी लोकप्रिय थे, जिस से इसे तीव्र प्रगति करने का सुअवसर प्राप्त हुआ। 2 सौ साल से पेइचिंग ओपेरा का तेज विकास हो रहा है। पिछली शताब्दी इस के विकास का सबसे अच्छा दौर रहा है, और यह चीन की सार कला बन गया है। आजकल तेज विकास के दौर में अन्य परंपरागत कलाओं की तरह पेइचिंग ओपेरा के विकास के सामने चुनौतियां मौजूद हैं। इसलिए इस कला के विकास में और ज्यादा ध्यान देने की जरुरत है । हाल ही में आयोजित हुए वर्ष 2011 चीनी नाटक कला की विरासत व विकास के मंच पर चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन के उपाध्यक्ष, चीनी साहित्यिक और कलात्मक एसोसिएशन के अध्यक्ष सुन च्या चेंग ने चीन के परंपरागत ओपेरा के विकास के सामने मौजूद कठिनाइयों की चर्चा करते हुए कहा कि वर्तमान में चीन के नाटक के विकास के सामने एक बड़ी चुनाती मौजूद है। सुधार व खुलेपन की नीति लागू होने के बाद आधुनिकीकरण, भूमंडलीकरण, अधिक सूचना समेत रंगबिरंगी बाहरी संस्कृति के चीन में प्रवेश होने की वजह से परंपरागत संस्कृति की बड़ा धक्का पहुंचा है। हमें परंपरागत नाटक कला की विरासत व विकास को आगे बढाने की जिम्मेदारी उठानी चाहिए, जिससे चीन की राष्ट्रीय संस्कृति व जातीय भावना का प्रचार-प्रसार किया जा सके।
पेइचिंग ओपेरा चीनी राष्ट्र का सांस्कृतिक खजाना है। चीन के गीत-संगीत, साहित्य, इतिहास व परंपरागत सौंदर्यशास्त्र का पेइचिंग ओपेरा पर प्रभाव पड़ास है। वर्तमान में लोकप्रिय संस्कृति की व्यापकता की स्थिति में हम कैसे पेइचिंग ओपेरा का विरासत व विकास करेंगे और इस परंपरागत कला का शानदार पुन: उत्पन्न करेंगे?यह सवाल मुख्य है। चीन के मशहूर ओपेरा कलाकार व पेइचिंग ओपेरा कलाकार मेई लान फांग ने पहले यह कहा था कि सुधार महत्वपूर्ण है, क्योंकि सुधार से प्रगति होगी। अन्य कलाओं के मुकाबले 2 सौ साल पुराना पेइचिंग ओपेरा का इतिहास इतना लम्बा नहीं है, लेकिन पेइचिंग ओपेरा सांस्कृतिक अवशेष नहीं है और इसे संग्रहालय में रखने की ज़रूरत नहीं है। कलाकारों द्वारा कार्यक्रम पेश करवा करके इस का प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए। अगर पेइचिंग ओपेरा के विकास में युवा शक्ति शामिल नहीं हुई, तो यह प्राचीन कला आज के लिए सार्थक नहीं हो सकती है। चीन के नाटक कॉलेज के पेइचिंग ओपेरा विभाग के अध्यक्ष च्यांग याओ ने कहा कि कुछ युवा लोगों को परंपरागत ओपेरा की जानकारी देने के लिए कुछ माध्यम उपलब्ध हैं। देश की सरकार व कुछ विभागों को युवा लोगों व छात्रों को इस जानकारी देने के लिए मंच प्रदान करने की जरूरत है। इस के लिए विभिन्न जगतों के कर्मचारी व कुछ कारगर माध्यम चाहिए। पेइचिंग ओपेरा की कक्षा का लक्ष्य प्रशंसकों की संख्या बढाने की बजाए उन्हें पेइचिंग ओपेरा व अन्य स्थानीय ओपेरा की ज्यादा जानकारी देना है। हमारे चीनी नाटक कॉलेज ने कई बार दफ्तर में काम करने वाले कर्मचारियों व विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ संपर्क किया। हमने पेइचिंग ओपेरा विश्वविद्यालय में प्रवेश नामक सिलसिलेवार कार्यवाहियां की थीं। हमने पेइचिंग ओपेरा की जानकारी दी, कलाकारों का कार्यक्रम दिखाने की स्थिति का परिचय दिया। छात्रों को यह कार्यवाही बहुत पसंद आई । उन्होंने कहा कि अगर इस प्रकार की कार्यवाही नहीं हुई, तो वे थिएटर में प्रस्तुति नहीं देखेंगे। लेकिन पेइचिंग ओपेरा की जानकारी पाने के बाद उन्होंने कहा कि अगर मौका मिला, तो जरूर कम से कम एक बार वे थिएटर में इस की प्रस्तुति देखेंगे। च्यांग याओ ने कहा कि युवा लोगों को परंपरागत संस्कृति पसन्द है, लेकिन हमें उचित तरीके से और ज्यादा जानकारी देने की जरूरत है, ताकि और ज्यादा युवा लोग चीन के परंपरागत ओपेरा पर ध्यान दे सकें। आजकल पेइचिंग ओपेरा व अन्य स्थानीय ओपेरा की प्रस्तुतियों में फैशनेबल तत्व शामिल किए जा रहे हैं। पटकथा, संगीत, गायन, कपड़े, मंच डिजाइन आदि पहलुओं में भी कुछ सुधार किया गया है। कुछ प्रस्तुतियों में पश्चिमी ओपेरा की रचनात्मक तकनीक शामिल की गई है और कुछ अन्य में गायन व संगीत में बड़ा बदलाव देखने में आया है। कुछ चीनी परंपरागत ओपेरा की प्रस्तुतियां विश्व के विभिन्न देशों में दिखाई गई हैं, विदेशी दर्शकों को यह बहुत पसंद आई हैं। फैशनेबल तत्व परंपरागत ओपेरा में शामिल किए जाने के बाद युवा दर्शकों की संख्या बढ रही है। ज्यादा युवा लोग सिनेमा में फिल्म देखने की तरह थिएटर में ओपेरा देखने आना पसंद करने लगे हैं। लेकिन परंपरागत ओपेरा में सुधार करने के दौरान परंपरागत तत्वों को बनाए रखने की आवश्यकता है। अनेक मशहूर कलाकार व विशेषज्ञ इस पर सहमत हैं। पेइचिंग ओपेरा में आधुनिक तत्व शामिल किए जाने के सवाल पर चीन के मशहूर पेइचिंग ओपेरा कलाकार ये शाओ लान ने कहा कि पेइचिंग ओपेरा में अन्य कुछ कला तत्व शामिल हो सकते हैं, लेकिन ये तत्व पेइचिंग ओपेरा के बारे में होने चाहिए और पेइचिंग ओपेरा को तरीके से पेश किया जाना चाहिए। क्योंकि पेइचिंग ओपेरा रचने के कुछ विशेष नियम हैं, अगर इन नियमों को बदला जाता है, तो यह पेइचिंग ओपेरा नहीं रहेगा। इसलिए अन्य कलाओं की विशेषताओं को शामिल करने के दौरान पेइचिंग ओपेरा के नियमों का पालन किया जाना चाहिए । अगर पेइचिंग ओपेरा में आधुनिक तत्व नहीं होंगे, तो युवा लोग इस पर ध्यान नहीं देंगे। अगर परंपरा की रक्षा नहीं की जाएगी, तो विकास के दौरान पेइचिंग ओपेरा की विशेषता व मनमोहक शक्ति दिन प्रति दिन कम होगी। इसलिए पेइचिंग ओपेरा की विरासत व विकास के दौरान कठिनाईयां मौजूद हैं। लेकिन केवल निरंतर सुधार करने के बाद ही इस प्राचीन ओपेरा का सृजन व विकास हो संभव है। पेइचिंग ओपेरा के विकास के सामने मौजूद सवाल अधिकांश परंपरागत कला के विकास के सामने भी हैं। इसलिए परंपरा को आगे बढ़ाने के साथ-साथ समय के विकास की जरूरतों का पूरा होना भी महत्वपूर्ण है, इस तरह पेइचिंग ओपेरा की जीवन शक्ति व मनमोहक शक्ति बनी रह सकेगी। (http://hindi.cri.cn/681/2012/06/28/1s126824.htm से साभार)

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